By Vitthal Kamble

दुनिया भर से तो जीत गया हु में,
इश्क में मिली हार का क्या करू?
माना फूलों संग रिश्ता पुराना है काटो का,
इन तितलियों के प्यार का क्या करू?
इश्क गुनाह है तो इश्क किया है इस दिल ने भी,
बताओ इस गुन्हेगार का क्या करू?
ओ मुझे अपना कहने को ही राजी नहीं,
तो इस साफ किरदार का क्या करू?
मेरी फकीरी का कोई एतराज नहीं मुझे,
बताओ इस झुठी अमीरी के गुमार का क्या करू?