दूरियाँ है – Delhi Poetry Slam

दूरियाँ है

By Vishal Kanade

दूरियाँ है, पर मीलों तो नहीं...
मिट जाएगी, मिलो तो सही...

मरना बेशक सबको एक दिन
जिंदगी किसको सदियों मयस्सर है
पर मरने से पहले, एक बार,
जी भरके जिलो तो सही...
दूरियाँ है, पर मीलों तो नहीं...


कलियों का खिलना फूलों का मुरझाना..
ता उम्र यूँ ही चलता रहेगा
एक सहर, भलेही दोपेहेर,
चमन बनकर खिलो तो सही..
दूरियाँ है, पर मीलों तो नहीं...


घूट घूट के यहाँ नजाने कितनी शबे गुजरी,
ना ख्वाब मिले ना माहताब ..
एक रात, भलेही जुगनुओं के साथ,
घूंट घूंट जिंदगी पिलो तो सही...
दूरियाँ है, पर मीलों तो नहीं...


सौ ग्राम की बस जिंदगी है यारो
कुछ पन्ने है बिखरे हुए,
समेटके इन लम्हों को,
मोहब्बत के धागे से सीलो तो सही..

दूरियाँ है, पर मीलों तो नहीं...
मिट जाएगी, मिलो तो सही...


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