नया भारत – Delhi Poetry Slam

नया भारत

By Varsha Kanwar

ये है नया भारत, चाहे हो जाए कितना ही आहत। 
नहीं जाने देगा व्यर्थ हमारे वीरों की शहादत। 
अब बात नहीं रही आनी जानी, 
नहीं होने देगा अब देश की और हानि।

जानेगा अब पाकिस्तान का हर इंसान, 
कि मोदी हैं हमारे देश की शान।
व्यर्थ नहीं जाने देंगे हमारे फौजियों का बलिदान, 
नहीं मिलेगा हर बार इन आतंकियों को जीवनदान, 
कर देंगे इन आतंकियों के अड्डे वीरान। 

हो लड़ाई चाहे 1965, 71 या कारगिल की, 
पड़ी है ज़रूरत इन्हें हर बार छुपने के लिए बिल की,
और हुई है जीत हर बार शेरदिल की। 

क्योंकि हुई है जितनी बार भी जंग, 
देखे हैं इन्होंने हमारे शेरों के ढंग।

भूल गए हैं ये हर बार पड़ी है इन्हें मुँह की खानी, 
ये बात नहीं है ज्यादा पुरानी।

नहीं जानते ये पाकिस्तानी, 
कि हमारे मोदी हैं स्वाभिमानी, 
इसलिए कर दिया बंद इनका पानी, 
रहेगी सिंधु अब केवल हिन्द देश की ही रानी।

ये है नया भारत, चाहे हो जाए कितना ही आहत। 
नहीं जाने देगा व्यर्थ हमारे वीरों की शहादत।

नहीं बढ़ने देगा अब और आतंक, 
बनाकर छोड़ेगा उस मुल्क को रंक। 

देख लो हमारे थल का बल, 
निकाल लेते हैं हम हर समस्या का हल।
देख लो हमारे एयर का गेयर, 
नहीं मिलेगी तुम्हें सुकून से बैठने को चेयर। 
और लम्बा चलेगा अभी ऑपरेशन सिंदूर, 
करेंगे तुम्हें कहने को मजबूर, 
जी हुजूर! जी हुजूर !

ये भारत चाहे नया है, 
लेकिन जोश वही पुराना है, 
देखते जाओ क्योंकि तुम्हें अभी और धूल चटाना है। 

सुन लो सियार,
देखकर हमारी सर्जिकल,एयर और वाटर स्ट्राइक हो जाओ तैयार,
मत बनो अब और होशियार,
गिरा दो अपने हथियार,
वरना रह जाओगे गिनती के दो-चार।

 


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