दुआ – Delhi Poetry Slam

दुआ

By Vanshika Khanna

एक जहाँ है जिसे लोग जन्नत कहते है,
एक जहाँ है जिसे लोग जन्नत कहते है ।

पर जनाब यहाँ जन्नत का मिलन तूफानी लहरों से है,
यहाँ जन्नत का मिलन तूफानी लहरों से है,

और वादी का मिलन बरबादी से है।
गोली बारूद यहाँ का रोज़ाना है,

असामान्य भी यहाँ सामान्य है ।
सुकून की कश्ती यहाँ,

कब असमंजस के बादल हो, कुछ कहा नहीं जा सकता ।
बस दुआ है, अब और जन्नत का दर्द हमसे सहा नहीं जा सकता ।


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