ए मेरे वतन – Delhi Poetry Slam

ए मेरे वतन

By Tanya Goyal 

जहाँ भी जाउँ,
अपना वजूद तुझ ही से पाऊँ…
ए मेरे वतन,
इस कदर मेरे ज़हन में रहना।

तेरा ही तो हूँ मैं एक हिस्सा,
मेरी पहचान का तू रहे एक ज़रूरी किस्सा…
ए मेरे वतन,
इस कदर मेरे ज़हन में रहना।

भेदभाव से मैं रहूँ परे,
हर परिस्थिति में मन तुझे याद करे…
ए मेरे वतन,
इस कदर मेरे ज़हन में रहना।

एक दिन चाहे साँसें थम जाएँ,
तेरी धुन दिल हर लम्हा गुनगुनाए…
ए मेरे वतन,
इस कदर मेरे ज़हन में रहना।


1 comment

  • Wonderful and nice poetry which is presented very nicely .

    Raman gaur

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