By Tanya Goyal
जहाँ भी जाउँ,
अपना वजूद तुझ ही से पाऊँ…
ए मेरे वतन,
इस कदर मेरे ज़हन में रहना।
तेरा ही तो हूँ मैं एक हिस्सा,
मेरी पहचान का तू रहे एक ज़रूरी किस्सा…
ए मेरे वतन,
इस कदर मेरे ज़हन में रहना।
भेदभाव से मैं रहूँ परे,
हर परिस्थिति में मन तुझे याद करे…
ए मेरे वतन,
इस कदर मेरे ज़हन में रहना।
एक दिन चाहे साँसें थम जाएँ,
तेरी धुन दिल हर लम्हा गुनगुनाए…
ए मेरे वतन,
इस कदर मेरे ज़हन में रहना।
Wonderful and nice poetry which is presented very nicely .