बस ये ही जन्म – Delhi Poetry Slam

बस ये ही जन्म

By Surabhi Srivastava

न अगला जन्म, न पिछला जन्म,
जो है वो है...." बस ' ये ' ही ' जन्म " ||

जी भर के इसको जी लो,
जो करना है कर लो |
न अगला जन्म न पिछला जन्म
जो है वो है..." बस ' ये ' ही ' जन्म " ||

जी भर के हँस लो, मन भर के रो लो
जो कहना है.. कह लो, जो सुनना है,सुन लो
जीवन मे कितने रंग हैं, इस रंग मे खुद को रंग लो ||
न अगला जन्म, न पिछला जन्म,
जो है वो है..." बस ' ये ' ही ' जन्म " ॥

आँखो में सपने भर लो, फिर मेहनत करके हर लो,
उन्नति के परों से, फिर आँसमा को छू लो ।
ख्वाबो को पूरा करके मुठियों में भर लो /
ख्वाबो को पूरा करके आँखो में चमक भर लो ||

न अगला जन्म न पिछला जन्म
जो है वो है..." बस ' ये ' ही ' जन्म " ||

जो रूठे हुए हैं उनको,जो भूले हुए है उनको,
फिर अपना तुम बना लो, फिर से गले लगा लो
और थोड़ा मुस्करा के, दिल मे उन्हे बसा लो ||

न अगला जन्म न पिछला जन्म
जो है ,वो है...." बस ' ये ' ही ' जन्म " ||


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