तू ही मेरा। – Delhi Poetry Slam

तू ही मेरा।

By Sneha Tanvani

तू हमेशा मेरे साथ है,
या यू कह दु तू हमेशा ही, मेरे पास है;
इन बातों को सच करने के लिए क्या ही करूँ,
एक जादुई तरकीब जानू, या चमत्कारी दुआ चाहु,
ईश्वर से तुझे मांगु, या बस तेरा साथ माँगु।

तेरा नाम, मेरे नाम के पीछे लगाने का ख़्वाब देखु,
या उस ख़्वाब को हक़ीक़त बनाऊ,
तेरा साथ मांगु,
या मेरा हाथ तेरे हाथों में रख दु,
तुझे मेरा बनाने के लिए, मैं ज़मीन आसमान सब एक कर दु,
या बस ईश्वर के भरोसे सब छोड़ दु।

मेरी ख़ुशी के लिये मैं तुझे अपनाऊँ,
या तेरी मुस्कान के लिये मैं तेरी बन जाऊँ,
तेरा साथ अपनी तक़दीर में लिखु,
या तुझे पाने के लिए अपनी क़िस्मत बदल लू;
तुझे मेरा हमसफ़र बनाऊ,
या इस ज़िंदगी के सफ़र में, हम साथ साथ है, ये लिख दु;
मैं तेरी हूँ ये बात साबित करूँ,
या बस तेरे उपनाम को, मेरी पहचान बना लू।

तुझे एक अच्छी सी भेट दु,
या गले में तेरे नाम का मंगलसूत्र पहन लू,
तेरा नाम कही उच्चे आसमान पे लिख दु,
या मेरे साथ तेरा नाम जोड़ लू,
तुझे अपना बनाऊ ,
या अपनों की परिभाषा मान लू,
मैं हमेशा तेरे संग रहु,
या तेरी ज़िंदगी का रंग बनु,
तू ही बता, ईश्वर से तुझे मांगु, 
या बस तेरा साथ मांग लू।


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