By Sneha Roy
क्यों चले आते हो यादों में,हिचकियों में कहो ।
दूर क्यों रहते हो वादों में सिसकियों में कहो ।
प्यार को कैसे निभाओगे इतना डर डर कर।
संग यू कैसे रहोगे, फिर बिजलियों में कहो।
करोगे प्यार,तकरार और मोहब्बत भी।
बांह में रह के,बहारों में तितलियों में कहो।
बन के एहसास, मेरा मन,मेरी रूह को छू लो।
छुप के कैसे रहोगे तुम यू बदलियों में कहो।
नेह ,स्नेह का हर लम्हा मिलेगा तुमको ।
रहोगे ब.वफा ये खुल के बस्तियों में कहो ।