Shunyta – Delhi Poetry Slam

Shunyta

By Kuldeep Kapoor

शून्यता ही सूक्ष्म है
शून्यता विराट है

गुना भाग मिट्टी बने
शून्यता वो घाट है

शून्यता ही शांत है
शून्यता विकराल है

शून्यता है कुछ नही
शून्यता ही काल है

शून्यता ही है गुरु
शून्यता ही ज्ञान है

शून्यता अज्ञानता
शून्यता ही विज्ञान है

शून्यता से मापदंड
शून्यता में लीन है

शून्यता कुछ यूं घुला
अंकों में विलीन है

शून्यता ही है जमा
शून्यता में क्या घटा

शून्यता से जोड़कर
शून्यता से क्या बटा

शून्यता ही शास्त्र
शून्यता ही शस्त्र है

शून्यता ही है कवच
शून्यता ही अस्त्र है

शून्यता आभास है
शून्यता इतिहास है

शून्यता से जुड़के ही
अंक बना वो ख़ास है

शून्यता ही सूक्ष्म है
शून्यता विराट है

गुना भाग मिट्टी बने
शून्यता वो घाट है |


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