By Shruti Singhdeo
जब भी जीवन बोझिल या कठिन लगे,
चले आओ यमुना घाट पर।
देखो, एक ओर जलती चिता,
और दूसरी ओर जीवन की नई सूरत गढ़ते प्रेमी जोड़े।
सोचो क्या है ये जीवन?
कितना सहज, कितना सरल-
बस क्षणिक, ना कोई कोई स्थायित्व, न कोई गहराई।
यदि कभी जीवन से प्रेम घटने लगे
और स्वयं से प्रेम करना भूल जाओ,
तो देखो उस जलती चिता की ओर-
उनके अपने जो आसुओं मे डूबे हैं,
उनके दिलों मे चुप वो गम जो शब्दों से परे है।
और यदि जीवन से अत्यधिक मोह हो जाए, तो समझो-
ये जीवन कुछ नहीं, बस क्षण भर का मोह।
शरीर का अग्नि से स्पर्श मात्र
उसे धुएं और राख में बदलने के लिए पर्याप्त है।
फिर भी जीवन कठिन या निराशाजनक लगे,
मन विचलित हो उदासी घेरे-
देखो उस छोटे बच्चे को,
जो स्कूल से लौटते ही किताबें किनारे रख देता है,
मुसकुराते हुए नाव की सवारी करवाने भागता है-
जैसे जीवन का हर क्षण उसके लिए एक उत्सव हो।
जीवन कठिन जरूर है,
पर इसे जीने की उम्मीद बनाए रखो।
बाहर निकलकर देखो-
कितने लोग मुश्किलों से लड़ते हुए भी
जीने का हौसला रखते हैं।
जियो,
क्योंकि तुम्हरे पास वो सबकुछ है,
जिसके लिए कोई और सपने देखता है-
क्यूंकी सबको सब नहीं मिलता।