जिंदगी कोई खेल नहीं – Delhi Poetry Slam

जिंदगी कोई खेल नहीं

By Shruti Sapre

शतरंज के शौकीन नहीं हम,
चाल चलना हमारी फितरत नहीं |
आप को हो जो शौक षड्यंत्रों का
तो हमें खेल में शामिल होना भी नहीं ||

जिस खेल में हो किसीकी हार या जीत
वो खेल हमें खेलना ही नहीं,

हम दौड़ लागते है हवा से
अपनी ताकत आजमाने,
किसी को हराने में कोई दिलचस्पी नहीं
क्यूंकि जिंदगी कोई खेल नहीं ||

हम ऊंची लागते है छलांग
कच्ची इमली तोड़ने,
किसी को कुचलने नहीं,
क्यूंकि हमारी जिंदगी खेल नहीं ||

हम सबको समझते हैं हमसफर
क्यूंकि जिंदगी एक सफर है, कोई खेल नहीं |
नहीं चलते चाले किसी के खिलाफ
क्यूंकि शतरंज के हम शौकीन नहीं ||


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