By Shalini Sharma
है शक्ति की संतान तू, कमजोरियों से लड़ के देख,
जीतेगा हर हाल में ये निश्चय मन में कर के देख !
है राग, द्वेष, मोह क्या..तू इनसे आगे बढ़ के देख,
है डर तुझे किस बात का ?
मैदान में उतर के देख !
मत सोच - क्या कहेंगे लोग ! खुद की कीमत तू जान ले,
खुद से ही इतना क्यों जुदा ?
खुद को ज़रा पहचान ले !
है सामर्थ्य तुझमें कितना, जो खुद नही तू जानेगा, तो किस तरह संसार भी लोहा तेरा फिर मानेगा ?
बेफिक्र हो घर से निकल, हैं मंजिलें पुकारती,
पा लक्ष्य को पर धर्म से ! श्रीकृष्ण होंगे सारथी !
कदम कदम तू बढ़ता चल, हौसलें ज़रा अब कम न हों !
दिल खोल के जी इस तरह की मौत का फिर गम न हो !
The poem is a genuinely motivating and uplifting composition. It serves as an excellent piece of inspirational literature, offering both a psychological push (“Have courage”) and a philosophical anchor (“Do it righteously”). It successfully manages to weave personal self-help advice with deep cultural and moral references, making it both accessible and profound.
Oh wow Shalini! I don’t have the words to describe how proud I am of you! Keep writing!!
A beautifully crafted piece—each word and line feels intentional and meaningful. Shalini, your ability to weave emotion into every phrase is truly commendable. The rhythm flows naturally, and the imagery lingers in the mind. The final line, in particular, is an absolute stealer—it ties everything together with such quiet power and leaves a lasting impression. A wonderful blend of thought, feeling, and finesse.
Written beautifully and very inspiring. Keep going!!
क्या बात है Shalini ji! 🔥
हर पंक्ति आत्मा को झकझोर देती है — कमज़ोरी, डर और मोह को पीछे छोड़कर आत्म-शक्ति और आत्म-विश्वास की ओर बढ़ने की प्रेरणा देती है आपकी ये रचना।
“श्रीकृष्ण होंगे सारथी” — इस एक पंक्ति में पूरा जीवनदर्शन समाया है।
धर्म के मार्ग पर चलकर लक्ष्य पाने की जो प्रेरणा आपने दी है, वो दिल को छू गई।
ऐसी ओजपूर्ण और जागरूक करने वाली कविता के लिए धन्यवाद! 🙏
@delhipoetryslam
God Bless You , Encouraging and spread it 👍👏👏🤝💐
भावनाओं को पिरोना एक साधना है।
आपकी लेखनी सदा यूँ ही बहती रहे,
कविताएं हृदयों को छूती रहें।
शुभकामनाएं एक सुंदर कविता के लिए!
बहुत अच्छी तरह से व्यक्त अभिव्यक्ति और प्रेरणादायक…. भगवान आपको आशीर्वाद दें
क्या बात है Shalini ji! 🔥
हर पंक्ति आत्मा को झकझोर देती है — कमज़ोरी, डर और मोह को पीछे छोड़कर आत्म-शक्ति और आत्म-विश्वास की ओर बढ़ने की प्रेरणा देती है आपकी ये रचना।
“श्रीकृष्ण होंगे सारथी” — इस एक पंक्ति में पूरा जीवनदर्शन समाया है।
धर्म के मार्ग पर चलकर लक्ष्य पाने की जो प्रेरणा आपने दी है, वो दिल को छू गई।
ऐसी ओजपूर्ण और जागरूक करने वाली कविता के लिए धन्यवाद! 🙏
खूबसूरत अभिव्यक्ति,
प्रेरक प्रसंग।
बहुत खूबसूरत लेखनी है बेटा।
मन प्रसन्न हो गया।
ढेर सारी शुभकामनाएं और आशीर्वाद।
Highly motivating and very well crafted 👌 superb