By Mukesh Tiwari
...ये समय ही है,
जो हर रिश्ते की परीक्षा लेता है।
...ऐसी ही चंद परीक्षाएँ,
समय ने दोस्ती की भी ली।
और देखो,
'दोस्त' कहने वाले शख्स ने
कितनी बार,
हर बार,
आसानी से घुटने टेक कर,
समय को जीतने दिया,
और दोस्ती को हारने।
...समय बस देखता
और मुस्कुराता रहा,
जैसा था, हमेशा वैसा...
कभी 'दोस्त' पर,
कभी 'दोस्ती' पर।