By S Jayalakshmi
दिसम्बर की वो काली रात I
आतंक मचाने लायी साथ I
करोड़ निशानी उपद्रव की I
धूम मचाती गली गली ll
आयी सुनामी आयी सुनामी I
जब नाम सुनी थी पहली बार I
सोची होगी कोई दुल्हन I
दस्तक देती पहली बार ll
घूंघट उठाकर देखा जब I
अति भयंकर थी शकल तब I
पहला कदम रखते ही I
ओझल कर गयी पूरी तब ll
बुजुर्ग बिछड़े बच्चों से I
बच्चे बिछड़े बुजुर्गों से I
पलक जपकते ही I
शहर बन उठा समंदर ll
तट पर माँ खडी घूर रही थी वीरानों मे I
समझ न पायी !
उसका सपना I
किस ओर बेह गया पानी में ll
अम्बर से चंदा नाप रहा था I
समंदर की गहराई को I
माँ ने पूछा चंदा से I
क्या पानी में लाल दिखता है?
हाँ माँ चंदा मामा बोला I
यून लाल रंग बदलते मैने I
कभी न देखा पानी को माँ I
कभी न देखा पानी को ll