By Nivedita Dalmia
रघुपति राघव राजा राम
पतित पावन सीता राम
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम
सबको सन्मति दे भगवान "
धोती वाले ने था हमको यह सिखलाया
यही पाठ था, जो हमको गया पढ़ाया।
हमको बतलाया, हिन्दू मुस्लिम भाई-भाई
उनको सीख, ये कौम नहीं तुम्हारी माँ जाई।
भरी गाड़ी लाशों की आयी
उफ़ की भी आवाज़ न आयी।
अलगाववादी नेता अपने
सिखलाते धर्मनिरपाक्षेता की बातें।
बन रावण वे रहे छीनते
हम दानी बन बांट रहे
अपनी ही माता के टुकड़े।
वो कहते, तुम ठहरे उदारवादी
देती न शोभा तुमको, प्रतिशोध की आंधी।
हां... धर्म हमारा निरपेक्षता सिखलाता
शत्रु भी आदर का हक़दार, बताता।
किन्तु गीता भी देती यह ज्ञान
यदि प्यार से न माने कोई
उखाड़ फ़ेंको उसको जोई सोई।
वे कहते, नहीं होता आतंक का
कोई धर्म औ ईमान
फिर क्या था यह.....
और कौन सा था ज्ञान
पूछा पहले नाम तुम्हारा
फिर खंजर सीने में उतारा।
बहुत हो गया....
ईश्वर अल्लाह तेरो नाम
सबको सन्मति दे भगवान।
जब बंट चुके, हम धर्म जाति में
सन सैंतालीस की काल व्याधि में।
तब से अब तक बहुत सह लिया
अपने ही घर में घुट-घुट कर जी लिया।
यही वक्त है जागो भाई
काल ने फिर से हाँक लगाई।
कर्म करो, रोते न बैठो
जो है अपना, हक से लेलो।
नहीं किसी की दया के मोहताज
भारत हमारे सिर का ताज।
देश हमारा, विधि विधान हमारा
मानो तो सिर माथे पर
वरना ढूंढों और ठिकाना।
धर्म हमारा करता सबका आदर
पर अब न सहेंगे और अनादर ।
प्रेम के बदले प्रेम ही देंगे
गोली को अब शीश न देंगे।
गले मिलोगे, गले मिलेंगे
क़ातिल को बख़्शीश न देंगे।
भाई बनोगे, भाई बनेंगे
हाथ थाम सहारा देंगे
पर झूठे भाई वाई को
और नहीं अब चारा देंगे।