कितनी मोहब्बत है... – Delhi Poetry Slam

कितनी मोहब्बत है...

By Priyanka Kumari

तेरी आंखों से झलकती हैं जो मस्तियाँ,
दीवाना करती है हमे वो कश्तियाँ।
मुस्कुरा के जो देखा तूने,
बढ़ने लगी है मेरी धड़कने।
होठों से निकली हर एक दुआ
कहती है बनके मेरी जुबां।
आ कर आज़मालें हमें, अगर है नहीं ये पता
दूर हो कर मुझको ना यूं तो सता।
कैसे कहूं मुझे तुमसे मोहब्बत है,
कितनी मोहब्बत है....

मेरी दिल की नजरों में तू ही बसे,
तू ही बता दे कि मैं क्या करु।
सांसों को बांधी है तेरी सांसों से,
तुझ संघ जियू या मै तुझ पर मरूं।
कैसा है ये तेरा फैसला,
तू भी दूर मै भी जुदा।
थाम लो बस मुझे तुम आ कर एक बार,
कसम है तुम्हे मै करु तुमसे प्यार।
कैसे कहूं मुझे तुमसे मोहब्बत है,
कितनी मोहब्बत है...

दो लब्ज़ तूने जो मुझसे कहा
दिल जाने क्यों धड़कने लगा।
आंखों को रहता है बस तेरा इंतजार,
दिल ये दीवाना करे तुझसे प्यार।
हवाओं ने मुझको ऐसे छुआ,
ज़ोर ज़ोर से दिल ये कहने लगा,
के प्यार है तो प्यार कर बस प्यार से एक बार
कह दे तुझे भी हुआ मुझसे प्यार।
कैसे कहूं मुझे तुमसे मोहब्बत है,
कितनी मोहब्बत है..


1 comment

  • Sometime something should touching heart

    Arun

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