By Prachi Chatterjee
देव को बचाने भी
रिश्तों के वेदी पर
बलिदान हुई एक बाला
कान्हा तुम तो बच गए
मुझे क्यों मार डाला?
तुम कदम पर डोले, मटकी फोड़े
मुझे क्यों पाषाण पर फेंका?
मै भी तो आई थी लाड़ प्यार से
फिर मुझे ही क्यों मारा?
तुम्हे पूजे सब लाड़ प्यार से
फिर मुझे क्यों भूल डाला?
कान्हा तुम तो बड़े हुए
फिर मुझे क्यों मार डाला?
मै तो माया हूँ ! मुझे कौन पकड़ पाया है
पर फिर भी चरितार्थ में एक शिशु को
सुरक्षित करने दूसरे को क्यों
असुरक्षित कर डाला है ?
कान्हा बोले सुनो बहना
तुम्हारा बलिदान मांगे वरदान
मेरा जीवन भी है तुमको अर्पण
हँस कर माया बोली सुनो कांन्हा तुम्हे जीवन दान देकर
अपने लिए अब क्या मांगना
बस अब फिर किसी कान्हा के लिए
किसी योगमाया को बलि मत होने देना ।।