एक दिवाली ऐसी भी – Delhi Poetry Slam

एक दिवाली ऐसी भी

By Oshin

"एक नयी दिवाली आयी है, संग नए रंग लायी है"

टिमटिमाते तारों की छत के  नीचे,  धरती भी क्या खूब जगमगाती है, 
जब दो बहनो ने अपने अपने घर , पहली दीवाली बनाई है।। 

घर मैं नयी बहु बन आयी बहन, लक्ष्मी रूप इठलायी है 
दूजे घर मैं छोटी बहन,  तन्हा दिन बिताई है।
नए परिवार मैं  नए कपड़े पहन, संग प्रीत नयी रंगोली बनायी है ,
बहन के  पुराने कपड़े पहन, यादों संग  अकेले ही सजायी है।।

पूजा करते, दीप जलाते , एक दूजे की याद आयी है ,
चेहरे पर मुस्कुराहट भी, आँखों मैं नमी संग लायी है ।
दूर से रंगोली मैं कमियाँ निकाल कर,  मन की भावना छुपायी है ,
पर अपनों की  कमी , दोनों बहनों के दिल मैं घर कर आयी है।।

"ये एक नयी दिवाली आयी है, अपने संग नए रंग लायी है"


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