साथ – Delhi Poetry Slam

साथ

By Nutan S. Pariyangat 

गर है शिकायतें तो है प्यार भी
गर हैं मंजिलें तो हैं रास्ते भी
गर यूं जो इज़हार किया प्यार का
तो है मुश्क़िला भी
गर जो निभा गए यह मुहब्बत
तो साथ मरने का रहेगा इंतजार भी!


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