" खयाली " – Delhi Poetry Slam

" खयाली "

By Nitesh Tak

 

 

क्या करूँ मुझे बहुत खयाल आते है... 
फिर पता चला की मेरे अन्दर एक खयाली रेहते है..  
इन्हें ये सुझाते हैं,
मेरे वाले पुलाव नहीं सीधे बिरयानी पकाते हैं,
परेशान कर रखा है हर व्क्त बेतुके ख्यालों से...
मैं साइकिल चलाता हूं... ये असमानों मैं उड़ना चाहते हैं, 

ये कभी तालाब मैं डुबकी तो कभी डिस्क मैं ठुमके लगाना चाहते है...
ये मेरी महीने भर की कमाई  सिर्फ दस दिनों मैं  उड़ाना चाहते है,
घर मैं बनी है दाल ये swiggy से पनीर टिक्का मंगाना चाहते है,
मैं प्यार कर्ता हूं सिर्फ बेगम से ये बेशरम हर गुजरने वाली को निहारता चाहते है...

गोवा का प्लान बन नहीं रहा ये मियामी जाना चाहते हैं...
 मैं चाय पी रहा हूं ये पटियाला लगाना चाहते है...
मैं कुछ कुछ चाहता हूं ये सब कुछ चाहते हैं 
कभी तो लगता है मैं सीधा सादा हूं और खयाली मुझे बिगाड़ना चाहते है...
उम्र बड़ रही है मेरी... ये बचपन में ही जीना चाहते है... 

दिन रात नवरे खयाल आते हैं  , लाइफ बज रही है पुराने रेडियो सी और ये inox स्क्रीन सी बड़ी  रंगीन जिंदगी जीना चाहते है... 

अब तुम ही बताओ खयाली के,  खयाली घोड़ों पे लगाम कैसे लगाऊं..
 सारे खयाल पूरे नहीं होते  इसे कैसे समझाऊं...

फिर लगा अच्छा है खयाल आते हैं, पता नहीं लोग उनपे ब्रेक क्यों लगाते है..
 कई अच्छे ख्याल तो मर जाते हैं आप ही... 
 बाकी हम खुद मार देते हैं,  उन्हैं समझने से पहले ही... 
और कभी उसकी बात समझ आ भी जाए तो हम पूछ लेते हैं बेखयाली लोंगो से.. 
जो बता देते उसे बिल्कुल बकवास...
 या बोल देते  हैं " तुमसे ना हो पाएगा , मान ले मेरी...  खयाली की सुन ली तो  पछताएगा...
 सब शोर से खयाली के खयाल को मार देते है , बोल नहीं पाता सभी हाथों से उसका गला दबा देते है... 
बिना आजमाये ही भरोसा डगमागा देते है... 

अच्छा हैं ख्याली जिंदा है  और ख्याल आते हैं ...
 नया कुछ पाने के और करने के... 
और उसे  पाने की कोशिश पे हम जान लगा देते है , सोच खयाली के बिना क्या जिन्दगी होती ... तू जड़ हो जाता एक जगह, उड़ने की चाहत ना होती...

ये खयाली ही है जो तेरा ख्याल रखता है  , 
तुझ पे तुझ से ज्यादा ऐतबार रखता है...
नए नए खयाल आने दे .... 
कल एक छोटा सा खयाल तेरी जिंदगी बदल देगा जब वो सच का रूप लेगा..
 वो खयाल तेरे पंख बन जांएगे,
 जो तुझे सफलता की ऊंचाईयों पे ले जाएगें...
 एक दिन चावल का एक दाना ही बिरियानी का रूप लेगा..
तो जोर लगा..  खयाल आने दे खयाली को बड़ी सी कड़ाई  में "दम बिरियानी"  बनाने दे ,
 बड़ी सी कड़ाई  में दम बिरियानी बनाने !!
नितेश 🪶


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