पसंदीदा रंग – Delhi Poetry Slam

पसंदीदा रंग

By Nishant Bahetwar

की,
तुम्हे पसंद आनेवाला रंग तो नहीं बता सकता,
मगर उन रंगों से जुड़े अपने कई अल्फ़ाज़ बता सकता हु मै.......
तुम्हें कभी कह ना पाया तुम्हारे रहते,
मगर तुम्हारे जाने के बाद तुम्हारी चाहत में कुछ लिखने लगा हूँ मैं,
मन करता है, कि तुम्हारी उन नादान हरकतों को बस याद किया करूँ....
जब पता चलेगा तुम्हारा पसंदीदा रंग,
तो उस रंग की स्याही से अपनी कविताएँ लिखा करूँ...
और चलो ये भी माना,
कि उन कविताओं में पिरोई लकीरें तुम्हें मालूम ना हों,
तुम्हारे लिए लिखे, मेरे वो अल्फ़ाज़ तुम्हें मालूम ना हों,
लेकिन अगर कभी मेरी ये बातें तुम तक पहुँचे,
तो तुम थोड़ा वक्त निकालकर इन बातों को पढ़ लेना,
उन लकीरों में तुमसे दूर होने की वजह होगी,
तुम कुछ और लकीरें जोड़ - अपने अधूरे ख्वाब लिख देना......
-निशांत.....


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