तू बस चल – Delhi Poetry Slam

तू बस चल

By Neha Negi 

चल, एक कदम चल,
आवाज़ है दिल की,
कहाँ पहुँचेगी तू कल,
सोच मत,
तू बस चल 

थम सा गया है जहाँ,
कुछ तो हो हलचल,
सोच मत,
तू बस चल 

उलझी हुई हुँ मैं,
थक सी गई हूँ मैं,
कुछ तो मिले हल,
सोच मत,
तू बस चल

टुकङौं में खङी हूँ मैं,
अब तो,
हवा भी लग रही है खल,
सोच मत,
तू बस चल

शांत मन हो रहा है,
दिल कहता है,
परेशानी भी जाएँगी टल,
सोच मत,
तू बस चल

आसमाँ से बूंद टपक रही है,
भीग रही हूँ मैं,
अच्छा लगा कुछ पल,
सोच मत,
तू बस चल

फूल बरस रहे हैं,
और जहाँ जाओ,
मिल रहे हैं फल,
सोच मत,
तू बस चल


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