By Nahid Ahmed

कल रात फिर तेरी याद आएगी,
तन्हाई में मुझे बेहद तड़पाएगी।
आज दिल बेचैन है तेरा होने को,
तेरी बाँहों में बेतहाशा खोने को।
तेरी ख़ुशबू को महसूस करने को बेक़रार हूँ मैं,
तेरी रूह में बसने को पूरी तरह तैयार हूँ मैं।
अब तक तरसी हैं जितनी मेरी निगाहें,
एक पल को भी न हटेंगी तुझसे ये नज़रों की राहें।
ऐसा लगेगा जैसे तेरा दिल मेरे सीने में धड़क रहा हो,
जैसे सितारों के बीच कोई चाँद चमक रहा हो।
मैं अपने लब तेरे होंठों पर सजा दूँगी,
तेरी आगोश में खुद को भुला दूँगी।
अपने मखमली होंठों की छाप मेरे जिस्म पर तू छोड़ दे,
मेरी सारी राहों को तू अपनी गलियों में मोड़ दे।
भूल जा तू सारे ग़म, न कर अपनी आँखों को नम,
तेरा उदास होना मेरे सनम, मुझे देता है हरदम ग़म।
मेरे इश्क़ का जुनून देगा मोहब्बत की गवाही,
तेरी रूह का मेरी रूह से मिलना ही देगा सुकून की राहें।
कल रात फिर तेरी याद आएगी,
तन्हाई में मुझे बेहद तड़पाएगी।