By Mehfooz Raza Hussain
कांटों भरा सफर है, यह तो ज़माने ने बता दिया।
तो मां ने भी दामन बिछाकर रास्ता बना दिया।
जब जब गिरा तो उठने का होंसला दिया।
समझों जेसे के लोहे को आग में तपा दिया।
यह ज़िन्दगी मेरी बुज़दिल रह कर गुज़र जाती।
मगर मां ज़िद्दी है मेरी मुझे बहादुर बना दिया।