By Mini Singhal
समझ समझ का फेर हैं,
समझ सको तो समझो।
समझ आने की देर है,
बेसमझो से मत उलझो।
समझ भी वक्त से आती है,
आती नहीं समझाए।
समझ के सब हार गए जब,
’समझ’समझ ना आए।
समझो तो बस बात है,
न समझो तो पहेली।
समझ से गर जो ना चला तो,
हाथ ना बचे 'हवेली'।
समझ बिना अब आधा है,
पूरा समझ बनाए।
समझ को जो भी समझ गया,
वो समझदार कहलाए।
