By Prajwali Waghchaure
जगह वही पूरानी है, पर कारवाँ इस बार नया हैं...
रास्तें वही पूराने है, पर सफर इस बार नया हैं...
मंजिल वहीं पुरानी है, पर कोशिश इस बार नयी हैं!!
नयी मंजिल, नया सफर, नए लोगोंके साथ,
इस नयी हकीकत को धीरे धीरे अपना रही हु में...
बीचमे ही पूरानी यादें, लम्हें, क़िस्से, एहसास को
महसूस करते हुऐ, थोडी देर के लिए ही सही,
पुरानीवाली अपनेआपसे मिल रही हु मैं...
यह सफर मे आगे चलते हुए, थोड़ा रुकते,
थोड़ा खुदको संभालते, आगे बढ़ रही हु मैं...
इस नये मंजरमे...पुरानीवाली अपनेआपको ढूंढ रही हु मैं...!!!