Love & Bug Story – Delhi Poetry Slam

Love & Bug Story

By Ankit Sharma

फ्रेशर पार्टी की वो शाम थी,
बाकी शाम की तरह वो भी मेरे लिए आम थी।
But, उस एक पल के लिए वो सच्चा खुदा भी मेरा यार हो गया,
और Life में पहली बार इस "Ankit" को भी किसी से प्यार हो गया।

But problem ये थी कि काँटों में पड़ा था वो फूल,
उसे उठाता मैं कैसे, और भीड़ में खड़ी थी वो लड़की –
उसे पटाता मैं कैसे?

Attitude न उसका कम था,
But तुम्हारे इस यार में भी बड़ा दम था।
मैं का "यारा तुझे देख कर दिल में होता है एक sound" –
इतने में पास खड़ी उसकी सहेली बोली –
"But bhaiya ji, who are you? Your file not found!"

इतना सुनते ही चारों तरफ बवाल हो गया,
मेरे दोस्तों ने कहा – "भाई ये तो लड़कों की इज्ज़त पर सवाल हो गया!"
अब कुछ भी हो जाए, इस दाग़ से लड़कों को हटाना था,
अब तो कुछ भी हो जाए, बस उसी लड़की को पटाना था।

फिर धीरे-धीरे उसका हँसना, उसका चलना,
उसकी बातों का वो style – इन सबकी करने लगा
अपने दिल में save file।
वो भी अब मेरे प्यार को taste करने लगी थी,
अपनी दिल की application को cut कर,
मेरे दिल में paste करने लगी थी।

फिर महीनों बाद वो पल भी आया,
जब वो करके उंगली मेरे वल कहने लगी–
"ओए तेरे नाल करनी है मुझे एक ग़ल!"
बातों ही बातों में वो मुझे समझाने लगी,
आशिकी का भूत भी सर से हटाने लगी।
कहने लगी – "यारा ऐसा भी नहीं है कि I don’t like your face,
But तू समझता क्यों नहीं, दिल के storage में – No more disk space!"

मैं का – "अगर ऐसा है, तो जो हमेशा से होता आया,
मैं वही repeat कर दूँगा –
जो तू ना मिली, तो ज़िंदगी – Control + Alt + Delete कर दूँगा!"

इतना सुनते ही वो घबरा गई, और बोली –
"अगर ऐसा है तो चल, नहीं कराती तुझे और इंतज़ार,
तेरी दिल की site पे करती हूँ 'Enter' – मैं भी मेरे यार!"

फिर मेरी Life में भी आ गई एक Female,
धीरे-धीरे भूलने लगा सब –
क्या होता है Computer और क्या Email।
मिलने लगे हम रोज़ पार्क में और खाने लगे गन्ना (Sugarcane),
क्योंकि वो थी मेरी हेमा मालिनी,
और मैं उसका राजेश खन्ना।

धीरे-धीरे कर वो मेरे सपनों में भी आने लगी थी,
मेरे दिल को mouse बना,
अपनी उंगलियों पर नचाने लगी थी।

साल भर के लिए यूँ ही सब कुछ सही जा रहा था,
तभी पता चला – हमारे प्यार के computer में
उसके भाई के नाम का virus आ रहा था।

बैठा था एक दिन उसकी बाँहों में,
मुझे कुछ ऐसा जोश आया…
फिर देख लिया उसके भाई ने…
और सीधा ICU में होश आया!

इसके बाद मेरी और उसकी love story का कुछ यूं ending था –
मैंने पूछा – "कब मिल रही है यारा?"
But वो message – उसकी शादी तक Pending था।

हो चुकी थी उसकी शादी, अब मैं भी उसे miss करने लगा,
मुलाक़ात तो होती नहीं थी,
इसलिए खयालों में ही kiss करने लगा।

पीने लगा था उसके ग़म में सुबह-शाम beer,
क्योंकि दूर जा चुकी थी मुझसे अब मेरी dear।

फिर सालों बाद वो पल भी आया,
जब normal person से बन गया मैं विजय माल्या –
क्योंकि उस दिन फिर से नज़र आई मुझे मेरी Alia।

But ये तो केवल एक पल का सुख था,
अगला ही पल आने वाला बहुत बड़ा दुख था।

जैसे ही वो करीब आई,
बन गया दोबारा मैं विजय माल्या से रामू –
क्योंकि पास खड़े उसके छोटे बेटे ने कहा –
"Mummy, क्या यही है हमारे मम्मू?"

ये सुनते ही वो भी देखने लगी मुझे "हँसते-हँसते" –
इतने में उसका बड़ा बेटा भी बोल उठा –
"Mama ji, Namastey!"

इतना सुनते ही उसके प्यार की नींद से मैं जागा,
Laces किए tight और फौरन वहाँ से भागा।

ये अब मेरी love story का अंत था,
इसके बाद हनुमान जी की तरह बन गया मैं संत था।
ना वो फिर मिली, ना मेरे इस दिल में कोई मुरझाई कली दोबारा खिली,
इसके बाद हमेशा के लिए हम हो गए आधे-आधे,
यही थी मेरी Love Story – अभी के लिए "Radhe Radhe"।


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