मैं सुनता हूँ तुझे.. – Delhi Poetry Slam

मैं सुनता हूँ तुझे..

By Kunal Khatri

शिक़ायत है!
चल आ बैठ मैं सुनता हूँ तुझे..

दर्द कोई छुपाया हुआ है अगर,
तू दिल खोल के आज बता दे मुझे..

डरती है कि मैं भी दर्द ही दूँगा!
तो सुन, पहले मेरी ही कहानी बतादु तुझे..

सोचती है ना कि मैं बदल गया तो क्या,
तो सुन,
सिर्फ पाना नहीं, निभाना आता है मुझे..

कहती है ना, ऐसे वादे तो सब करते हैं,
तो सुन,
मैने तो ख़ुदको आज़माया है, अब तू भी आज़मा ले मुझे..

पूछती है ना कि क्यों दे रहा हूं में ये इंतेहां;
तो सुन, बड़ी शिद्दत से चाहता हूँ मैं तुझे...


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