By Divya Pathak
अंधेरी सी जिंदगी में
सूरज सी रोशनी हो जाएगी
कोसिस कर तो सही
सारे सपने हकीकत में तब्दील होंगे
तू उठ तो सही
जिंदगी है ये कभी सीधी नहीं होगी
तू ये बात अपना तो सही
आगे ख़ुशियाँ हैं तेरे इंतज़ार में
पूरणे जखमो को भुला तो सही
नामुमकिन कुछ नहीं है यहाँ तेरे लिए मान तो सही
खुले आसमान का परिंदा है तू
कैद मत कर खुद को
उठ कोसिस कर उड़ान भर तो सही
ये अंबर भी तेरे सामने झुकेगा
तू कोसिस कर तो सही