चाहत हो तुम – Delhi Poetry Slam

चाहत हो तुम

By Kishor Panchal

हमदम हो तुम, मेरा नाज़ हो।
चाहत हो तुम, मेरा ताज हो।

तुम्हीं से होता है दिन ये शुरू,
साथ तुम्हारे ये शाम ढले।
हर दम, हर पल इस ज़हन में,
तुम्हारे ही ख़यालात चले।
नींदें हो तुम, मेरा चैन हो।
शौकत हो तुम, मेरी शान हो।
ख़्वाब हो तुम, मेरे राज हो।
चाहत हो तुम, मेरा ताज हो।

साथ तुम्हारा है तो जी पाएं हम,
तुम्हीं से ये साँसें चले।
साथ तुम्हारे ही बीते ज़िंदगी,
साथ तुम्हारे ही ये उम्र ढले।
साँसें हो तुम, मेरे अरमान हो।
धड़कन हो तुम, मेरी जान हो।
इबादत हो तुम, मेरी लाज हो।
चाहत हो तुम, मेरा ताज हो।
चाहत हो तुम, मेरा ताज हो।


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