नया दिन – Delhi Poetry Slam

नया दिन

By Kartik Kulkarni 

एक नया दिन आया

साथ नया ऋण लाया

कर्म से लदा हुआ

धर्म से बंधा हुआ

राहत के बिन आया

एक नया दिन आया


हौसलों के तीर पर

अनुभवों के पीर पर

धैर्य की ज़ंजीर पर

दुर्भाग्य ही लेकिन पाया

एक नया दिन आया


निर्णय के रण में जब

दृढ़ मन के प्रण में जब

युद्ध के भीषण में जब

मुक्ति का क्षण आया

एक नया दिन आया

 

शक्ति की कगार पर

हार के विचार पर

पाप के विकार पर

ईश्वर संकेत आया

एक नया दिन आया

 

पाप के विध्वंस में

आस्था के अंत में

मथुरा नृप कंस ने

विष्णु को सम्मुख पाया

एक नया दिन आया

एक नया युग आया


1 comment

  • Good one Kartik.

    Tushar

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