By Kartik Kulkarni
एक नया दिन आया
साथ नया ऋण लाया
कर्म से लदा हुआ
धर्म से बंधा हुआ
राहत के बिन आया
एक नया दिन आया
हौसलों के तीर पर
अनुभवों के पीर पर
धैर्य की ज़ंजीर पर
दुर्भाग्य ही लेकिन पाया
एक नया दिन आया
निर्णय के रण में जब
दृढ़ मन के प्रण में जब
युद्ध के भीषण में जब
मुक्ति का क्षण आया
एक नया दिन आया
शक्ति की कगार पर
हार के विचार पर
पाप के विकार पर
ईश्वर संकेत आया
एक नया दिन आया
पाप के विध्वंस में
आस्था के अंत में
मथुरा नृप कंस ने
विष्णु को सम्मुख पाया
एक नया दिन आया
एक नया युग आया
Good one Kartik.