Insaan – Delhi Poetry Slam

Insaan

By Sharmila Chatterjee

इंसान हो , तुम विधाता की देन हो।
औरों से अलग अपने को पहचानो ।।
अगर मानो तो तुम हो महान, 
दयावान तुम ही, तुम हो शक्तिमान। 
अंतर्मन में है तुम्हारे भगवान ।।
इंसान हो, तुम ईश्वर की छाया हो ।
उन्हीं के रूप में, अपने को प्रकाशित करो ।।

स्वच्छ निर्मल तुम हो सुंदर ।
विवेक, बुद्धि से सजाया है ईश्वर ।।
इन गुणों का सदुपयोग करो ।
इंसान हो, प्राणियों के तुम सर्वश्रेष्ठ हो ।।
हिंसा, क्रोध को त्याग कर I
शांति की स्थापना करो ।।

क्षण भर का है ये जीवन ।
इच्छाओं में घिरा है मन ।।
उन्हें पूरा करो 
इंसान हो, तुम समय का सही इस्तेमाल करो ।
अज्ञान को मिटाकर, ज्ञान का संचार करो ।।
इंसान हो, तुम विधाता की देन हो ।
औरों से अलग अपने को पहचानो ।।


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