Himali Kapoor
दिल के यह कैसे जज़्बात है
आम न होकर यह तो कुछ खास है
दूर होकर भी हम पास है
जरूरी है तू जीने के लिए जैसे सांस है
दिल के यह कैसे जज़्बात है
तेरे आने की हमे कब से आस है
मिल गए हमारे दिल के साज है
इश्क की रुत शुरू होने का आगाज है
दिल के यह कैसे जज़्बात है
आँखों से जो बयान हो ये वो राज है
बदल रहे हम दोनों के अंदाज है
अब से आप हमारे मन के बादशाह बेताज है
दिल के यह कैसे जज़्बात है
हो रहे रोमानी मौसम के मिजाज है
उड़ रहा मन का जहाज है
जमाने का अब न लिहाज है
दिल के यह कैसे जज़्बात है
लम्हे वो हमारे बहुत खास है
पुकारती तुझे मेरे दिल की आवाज है
तेरे न होने से मुझे ऐतराज है
दिल के यह कैसे जज़्बात है
सुन के हमारे इश्क के चर्चे हैरान समाज है
मन के वो हुमारे नटराज है
सुन लिए हमने ढाई अक्षर के अल्फ़ाज़ है
दिल के यह कैसे जज़्बात है