By Habib Kinkhabwala

एक कमज़ोर कायर डरा मर्द मैं
तेरी हारी हुई जंग का फर्द मैं
मुझ पे इलज़ाम धर मुझ से फरियाद कर
मुझ से नाराज़ हो कर मुझे याद कर
मेरी बर्बादियों का सिला है गिला
बस गिला ही गिला ही गिला ही गिला |

एक कमज़ोर कायर डरा मर्द मैं
तेरी हारी हुई जंग का फर्द मैं
मुझ पे इलज़ाम धर मुझ से फरियाद कर
मुझ से नाराज़ हो कर मुझे याद कर
मेरी बर्बादियों का सिला है गिला
बस गिला ही गिला ही गिला ही गिला |