By Dr Shashank Srivastava
बस एक साँस की ही तो बात है यार।
जब तक चल रही तो इस पार, जिस क्षण टूट गई तो उस पार।
झूठे रिश्ते निभाने में व्यस्त है इस पार,
सच्चा रिश्ता समझ में आएगा उस पार।
बस एक साँस की ही तो बात है यार।
नश्वर शरीर को चमकाने में लगे हैं इस पार,
कभी ना सोचा की शाश्वत शरीर हो सकता है उस पार।
बस एक साँस की ही तो बात है यार।
रेत के घरौंदे बनाने में व्यस्त है सारे इस पार,
ये भूल के की नित्य चिंतामणी धाम है उस पार।
बस एक साँस की ही तो बात है यार।
भगवान बनने की इच्छा है ज्यादातर को इस पार,
ध्यान रखना मित्रों असली भगवान से साक्षात्कार हो ना जाए उस पार।
बस एक साँस की ही तो बात है यार।
गाड़ी, बंगला, धन होने पर भी बहुतायत दुखी हैं इस पार,
ऐसी स्थिति विवश करती है पूछने को क्या पूर्ण आनंद मिल सकेगा उस पार।
बस एक साँस की ही तो बात है यार।
इतनी सफलता और विकास के उपरांत भी सब परेशान क्यों है मेरे यार,
कुछ तो कमी है इस पार….
इसलिएआत्मचिंतन की है दरकार,
ताकि साँस टूटने पर इतना कष्ट ना हो जाने में उस पार।
बस एक साँस की ही तो बात है यार।