Ladki – Delhi Poetry Slam

Ladki

By Dr-Divya Malhotra

शिषृक है लड़की

क्या  लड़की का जन्म लेना गम है या खुशी,
क्या लड़की का अर्थ है, सिर्फ अपने पारिवारिक जीवन को सम्भालना, 
कहा जाता है,
भगवान की कृपाशंकर से हमारे यहाँ  लक्ष्मी आई है,
और
जब ससुराल जाती है...अरे! यह तो हमारी बेटी ही है,
एक सवाल आपसे  पूछना चाहती हूं?
क्या लड़की को लक्ष्मी  का दर्जा दिया जाता है?
क्या ससुराल वाले पूरे  दिल से उसे बेटी के रुप में स्वीकार करते है?

क्या लड़की का जन्म लेना गम है या खुशी,
मां- बाप के आगन में पलती  बढ़ती है
बाप के कलेजे का टुकड़ा होता है
और कुछ समय में बन जाती है मां की हमदर्द, 
वक्त बीत जाता है,
सगाई कर देते है उसके परिवार वाले
बिना उसकी रज़ामंद के
लड़की उफ तक नही करती
भगवान पर असल फैसला छोड़ देती है
लड़की मन ही मन में खुश होती है कि उसको 
उसके सपनौ का राजकुमार मिल गया
जैसे उसने फिल्म जगत में देखा था,
पर जिंदगी फिल्म जगत नही होती जनाब!
वह अपने सपनो को त्याग देती है, जो उसने  बचपन से देखे थे,
और  फिर एक दिन उसका विवाह हो जाता है
कुछ साल बीत गए, 
नन्हे बच्चे की हसने की गूंज सुनाई देती है,

क्या लड़की का जन्म लेना गम है या खुशी,
साल बीत जाते उंच नीच में
लड़की कभी उफ तक नही करती
जब ऐसास हुआ कि,अब बच्चे बढ़े हो गए है, 
तो कुछ अपने लिए करू,
अपने सपनो को, जो उसने बचपन में देखे थे, उसे पूरा करू,
लेकिन!
समाज साथ तो देता है,
मगर लङ झगकर 
उसे अपनी लङाई खुद लड़नी पड़ती है,
समाज कौ समझाना  पड़ता है,
तब क्या!
समाज उसपर बेङियो की बौछार कर देता है,
कि वह उससे निकल नही पाती,

क्या लड़की का जन्म लेना गम है या खुशी,
लड़ झगकर वह बेङियो का सामना करती है
आगे बढ़ने के लिए, 
अपनी जिंदगी के कुछ फ़ैसले लेने के लिए 
तब उससे  एहसास कराया जाता है कि तुम समाज को कमा कर  कुछ दे तो नही रही!
मतलब 
तुम  पैसे तो कमा नही रही कि तुम 
अपने फैसले खुद ले सको,
मैं आप सब से पूछती  हूं?
अपनी जिंदगी के फैसले लेने के लिए 
पैसे कमाना जरूरी है क्या?

क्या लड़की का जन्म लेना गम है या खुशी
फिर कुछ सालो बाद 
उसका भावनाओ से भरा हुआ घड़ा टूट जाता है,
हिम्मत जुटा कर अपनी आवाज उठाती है
कि मै अपने लिए जिऊगी 
काम वही करूगी जिसमें लड़की को खुशी मिले  
जब तक 
मां-बाप है...माइका लड़की का होता है
ससुराल को भी अपना पारिवारिक जीवन सौंदर्य से सौप देती है
लड़का अपने परिवार को हमेशा अपना कहता है!
क्या लड़की अपना पूरा ससुराल दिल से अपना कहता एवम मानता है?

क्या लड़की का जन्म लेना गम है या खुशी?

 


10 comments

  • Superb writing….. Most females experience these dilemmas thought provoking!!

    Priya Gurtu
  • Daughters are INVALUABLE GIFT for parents.
    One can get real affection from daughters only.
    Very nicely explained 👌👌
    Superb 👍

    Govind Dadlani
  • Well expressed the emotions and thoughts of girl over th span of life and specially when she aspire to achieve something in life. This is true in so many cases here.

    Ameet Kadam
  • Very well written it starts with a question and makes you think over and over again . very well demonstrated the agony and the feelings so very well expressed

    Sachin kampani
  • Superb
    Very well expressed

    Mridula Goel
  • Very nice u have written ❤️ 👌

    Varsha Shah
  • You’ve woven emotions and truth into every line — a heartfelt tribute to the precious gift that is a girl child."

    Simmi nagpal
  • This a pure writting skill , very beautifully narrated.

    SANTOSH KUMAR SONI
  • Very beautifully expressed

    Preity kocheck
  • Very beautifully expressed, emotions penned so perfectly resonating with true feelings❤️

    Minaxi Laddha

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