By Chetna

बारिश, तुम अगर शहर चुनो तो इस बार उसके शहर जाना!!
बादलों को देख वो इतराएगी, शरमाएगी, दिखाएगी खुशी;
पर तुम उसे जरूर भिगाना,
हो सके तो थोड़ा ठहर जाना!
अमूमन वो हँसती रहती है,
तुम उसे दिल हल्का करने का
माध्यम दे आना!!
हमेशा भीड़ में रहती है,
अंदर बाहर शोर बहुत है;
तुम बरस कर उसके अंदर की अनसुनी आवाज़ों को शून्य कर आना!!
लोगों के लिए वह कठोर बहुत है,
आत्मविश्वास उसका, दुनिया के लिए अभिमान स्वरूप है, परिणामस्वरूप वह, वह ना रही;
बारिश, तुम उसे सौम्य और शीतल रहने देना!!
असफल प्रेम हुआ,
छली गई भावनाएँ भी जो निष्ठापूर्ण थीं;
बारिश, तुम मन की टीस मिटा कर उसे उम्मीद देना,
प्रेम की पगडंडियाँ करेंगी उसका इंतजार,
बूंदों की तरह तुम उसे जमीन से मिलने देना!!
अतीत के घने काले बादल घेरे रहते हैं उसके वर्तमान को,
बारिश, तुम उसके गहन दिल की मरम्मत कर मन की सखी बन जाना!!
अपने अनुभवों के कारण,वक़्त से पहले बड़ी हुई है वो ;
बारिश, तुम थोड़ा बचपन दे आना,
देखना कागज की नाव चलाए वो,
उसी नाव में रख देना उसकी पीड़ा, और जाने देना दूर!!
रहने देना एक स्त्री में बचा छलरहित बचपन!!
कर देना आगमन एक नए मोड़ का, मिट्टी की सोंधी खुशबू के साथ!!
हाँ बारिश इस बार तुम उसके शहर को ही चुनना;
हो सके तो तुम अपनी बूंदों से मेरे प्रेम का परिचय दे आना!!