By Dr Neeraj Sharma

पग-पग शूल मिले राहो में
पर फिर भी ना घबराऊ मै,
मैं भारत की बेटी हूँ अब
सब संभव कर पाऊ मैं।
देनी पड़े चाहे कितनी परीक्षा
हर मंजिल मैने पायी है,
बिना सहारे अपने दम पर -
मैंने इक पहचान बनायी है।
सहना पड़ा है कितना कुछ सदियों से
पर फिर भी हार नही मानी,
अब जाके 'नारी की शक्ति'.
सारी दुनिया ने पहचानी।
शिक्षित हो यदि नारी तो
दो कुल तर जाते है,
इसी लिये बेद-पुराण भी
शक्ति की महिमा गाते हैं।"
आज की नारी हर क्षेत्र में आगे अपना नाम कमाती है
वक्त पड़े तो भोली सी ये नारी
दुर्गा भी बन जाती है।
करू आवाहन भारत की नारी का अपनी शक्ति को तुम पहचानो,
कितनी भी आये चाहे मुसीबत तुम हार कभी भी ना मानो।
मन में इच्छा शक्ति हो तो
सब संभव हो जाता है,
आ जाएं यदि काल भी
आगे तो वो पीछे हट जाता है।
Bahut aachi kavita hai ,bahut hi inspiring ❤️🙏👏