By Deokaran Singh

आशिक़ी में फ़ना होना होता है
परवाना कोई बचा हो तो बता।
इश्क़ है ग़म है सुकून है क्या है
मैं समझा नहीं तूं समझा हो तो बता।
ज़िक्र मोहब्बत का चला दूर तलक
राहें वफ़ा में कोई मिला हो तो बता।
यह बाज़ी हम जीत भी जाते तो क्या
जश्न उसकी बर्बादी का मना पाते तो बता।
किसी के जाने से कोई मर तो नहीं जाता
हो कोई ज़िंदा जान के जाने पे तो बता।
इक तेरे तसव्वुर ने ग़मज़दा न रहने दिया
वर्ना दुनिया में कोई खुशहाल हो तो बता।
आते जाते मिले लोग हसीन भी बहुत
सिवा तेरे किसी को चाहा हो तो बता।
वो करते हैं बात मुझे मिटाने की
जिस्म से परे है हस्ती मेरी तूं मिटा सके तो बता।
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