By Arti Rawat
कहते हो प्यार है मुझसे...
तो पहले जान लो-
चढ़ती जवानी का प्यार नहीं,
यह बढ़ती उम्र का इश्क है।
जिसकी अपनी सीमा है-
इन सीमाओं में बंध सको,
तो मुझसे प्यार करो।
यह जो भीतर की झुर्रियों के ऊपर
चेहरा चमक रहा है-
तेरी बातों का असर भर है।
चेहरे की इन झुर्रियों के साथ
अपना सको,
तो मुझसे प्यार करो।
जिन होठों की मुस्कान की तारीफ़
करते थकते नहीं हो तुम,
उनसे थोड़ा सा ऊपर,
उन आंखों में आंसुओं का
एक समंदर है।
उस समंदर को पार कर सको,
तो मुझसे प्यार करो।
कहने को तो अकेली हूं मैं-
पर अकेली नहीं हूं मैं।
मेरे साथ हैं अनकही बातें,
अनदेखे ख्वाब, अनछुए एहसास।
इन सबके साथ
तुम भी रह सको,
तो मुझसे प्यार करो।
और भी बहुत कुछ है,
जो मुझे छोड़ा नहीं जाता-
उन सबसे मेरा हाथ छुड़ाए बिना,
जो मेरा हाथ पकड़ सके...
तो मुझसे प्यार करो।
So elegant and natural truely mesmerizing….very nice
Beautiful line👌👌👌
Thanks