By Arpana Mishra

नारी तेरी महिमा को,
मैं कैसे करूँ बयान..
तुझसे ही तो रौशन है,
घर-बगिया और ये जहां..
कभी माँ, कभी बेटी, कभी बहन, तो कभी पत्नी,
हर किरदार तू दिल से निभाती..
तू है जीवन की वो शाखा,
जो हर कसौटी पर है उतरती..
दुःख-दर्द अपने अंदर छुपाये,
तू सबके लिए समर्पित रहती..
तू ममता की वो मुरत है.,
जो खुद तपकर अपनों पर,
कोई आंच ना आने देती..
इसलिए तू है सबसे महान,
जग में ऊंचा है तेरा स्थान ।