मेरी प्रेरणा, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष – Delhi Poetry Slam

मेरी प्रेरणा, अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर विशेष

By Anupam Maurya

अपने अरमानों को बहने देना,
बस अपनी सुनना और दिल करे वो करना,
जब कभी उदास होना,
तो नदी, झरनों और फूलों से बातें करना,
और यादों का तरन्नुम गुन गुना ना,
यूँही ख़ुश रहने का वजह तलाशना,
अगर कोई पूछे यूँही ख़ुश रहने की वजह, साफ़गोई से सबको बताना,
कि मैने सीख लिया है फूलों से यूँही खुश रहना, अपने लिए ख़ुशी का पैगाम लाना,
सीख लिया है नदियों से अपने आपको मोड़ना, फलों से लदी हुई डाली से झुकना,
अब मुझे शीतल हवाओं की तरह मन को बहने देना है,
न कुछ सुनना और न कुछ कहना है,
जिंदगी को मैने पहचान लिया है,
अपने अंदर के सवालों को जान लिया है,
जिंदगी के हर सवाल का जवाब मुझे ही देना है,
तो इसे मुझे अपने हिसाब से जीना है!


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