माँ – Delhi Poetry Slam

माँ

By Amit Goel

ऐषा मम धन्य माता 
जय जननी जनमात्री ।
स्वर्ग दीपाय श्रेष्ठसी
सर्व रूप, गुणाय धन्याः ।।

अंतः मनन अनुराग पावन।
सकल विश्व शक्ति स्वरूपा ।
अन्नपूर्णा ,अपर्णा आनंद नित्यः
सरला , सौभाग्य ,सौदामिनी।।

करुणानिधान , दान दायनी
अंबर प्रीत , वात्सल्य मूर्ति।
श्रीमत ,माधुर्य ,मृदुता रती
परमकल्याणी मानसरोवरिणी ।।


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