रूठा हुआ इश्क और मनाने की दिल्लगी। – Delhi Poetry Slam

रूठा हुआ इश्क और मनाने की दिल्लगी।

By Ajay Kumar

कभी जरूरत पड़े तो याद कर लेना ज्यादा नहीं बस थोड़ी बात कर लेना
माना की गलतियां तो सब से होती हैं।
तुम यही सोच कर माफ कर देना।
हां थोड़ा वक्त जरूर लेना मगर सूरज की रोशनी को ढलने मत देना जो रिश्ता प्यार का है, उसे बिखरने मत देना और दुआ करना कि सब ठीक हो जाए जो पहले मोहब्बत थी, वो फिर हो जाए। अब बस इंतजार नहीं होता। तेरे आने की खुशी में खुद से प्यार नहीं होता। इस छोटी सी जिंदगी के अरमान बहुत बढ़े हैं
आज भी सनम। तेरे पिछे खड़े है।


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