जिंदगी – Delhi Poetry Slam

जिंदगी

By Dr. Adhishree Gupta

ज़िंदगी हमेशा खुद की तलाश करती है,
खुद की पहचान बनाना चाहती है,
तभी तो इतने इम्तिहान लेती है।

हम अक्सर ज़िंदगी को हल्के में ले लेते हैं,
पर ज़िंदगी याद दिला देती है कि,
मुझे हल्के में लेना तुम्हें भारी पड़ेगा।

हर पल खुलकर जीना चाहते हैं हम,
लेकिन इतने बंधनों के साथ,
इतनी शर्तों के साथ।

पूरी दुनिया को भरोसे के लायक नहीं कहकर,
हम यह साबित कर देते हैं
कि खुद पर कितना अविश्वास है।

लोगों का साथ ढूंढ़ते-ढूंढ़ते,
हम अक्सर अपने आप का साथ देना भूल जाते हैं,
और फिर कहते हैं — अकेले हैं हम।

बाहर के शोर में इतने उलझे रहते हैं,
कि अंदर की आवाज़ सुन ही नहीं पाते।
फिर शिकायत करते हैं — कोई मुझे सुनता नहीं।

नहीं, ज़िंदगी आसान नहीं है,
लेकिन एक बार जी कर तो देखिए,
क्योंकि यही वो राह है
जो आपको आपसे मिलवाती है।

और ये अनुभव —
अविस्मरणीय होता है।


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