तस्वीर – Delhi Poetry Slam

तस्वीर

By Varun Joshi

मोहब्बत तुझसे मैं बेपनाह किया करता हूँ,
तेरा जिक्र, यादों की महफ़िल में सरेआम 
किया करता हूँ..
ख्वाहिश, जैसे तेरी सदियों से थी मुझे,
हां तेरी,बस तेरी ही चाहत थी मुझे..
आगोश में तुझे भर लेने की चाह, मैं हरदम लिए फिरता हूं
तेरे बिन हर पल खुद को मैं, बेकार लिए फिरता हूं मोहब्बत तुझसे जो मैं बेपनाह किया करता हूँ..

यहा रूठना भी भाता है मुझे,
तेरा आ के मनाना ख़ुब सुहाता है मुझे..
यहा मैं ही दूर हो जाया करता हूं,
खुद नहीं, पर तुझे तड़पाया करता हूं..
सपनों में मेरे यहां तू नहीं आती,
यहां खुद को, तेरे ख्वाबों में बुलवाया करता हूँ
यहा शिद्दत भरी मोहब्बत भी तू ही करती है
मैं तो बस हर बात तुझसे मनवाया करता हूं
हाँ मोहब्बत तुझसे मैं ये बेपनाह किया करता हूं

यहा हर तारीख भी तु ही याद रखती है,
मेरी हर बात पे तारीफ भी तु ही किया करती है..
मिलना हो अगर, तो यहा मैं ही देरी से आता हूं,
मुझे एक नज़र देखने के लिए इंतजार तुझे करवाता हूं
यहा मैं नहीं, बल्कि तुझे ही करीब अपने बुलाता हूँ..

हां..आ जाती है जब भी पास तु मेरे,
दिल अपना मैं थाम लिया करता हूं
मोहब्बत जो तुझसे मैं ये बेपनाह किया करता हूं..

काश...
काश होती ये सब सच्चाई,हर पल इस बात का इख्तियार मैं किया करता हूं,
अक्सर तेरी तस्वीर से मैं ये बात किया करता हूं..
नाकामयाब अपनी इस मोहब्बत को,
इस तरह कामयाब मैं किया करता हूँ..
मोहब्बत जो तुझसे मैं ये बेपनाह किया करता हूं ♥️

 


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