अपने सपने बुनना सिखो

By Saloni Gupta

काल्पनिक भविष्य से उपर उठना सीखो

लक्ष्य को अपने मन में ठानकर

मंज़िल की ओर कदम बढ़ाना सीखो,

परछाईं की तरह मंज़िल की ओर

कदम बढ़ाते रहने का हुनर रखो

मुस्कराहट के साथ मुश्किलों को हराना सिखो,

अपने सपने बुनना सीखो।

 

आसानी से सोचे हुए सपने को

निरंतर प्रयासों से जितना सीखो

कदमों को अपने ज़मीन पर रखकर,

आसमान की बुलंदियों को छूना सीखो

कठिन राहों में गिरकर उठना

टूटे हुए होसलें को जोड़ना सिखो,

अपने सपने बुनना सीखो।

 

मामूली उपलब्धि की हासिलता का

अहंकार करना बंद करो

सफर तो अभी शुरू किया है,

निगाहों को अपनी मंज़िल पर रखो

जमींन से आसमान का सफ़र आसान नही

खुद की पानी में मौजूदगी का अंदाज़ा लगाना सीखो,

अपने सपने बुनना सीखो।


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