मुझसे मिलो – Delhi Poetry Slam

मुझसे मिलो

BY PUNEET MADAN

यूं तो बहुत ही आराम से चल रही है जिंदगी लेकिन कुछ कशिश है मेरे दिल में कहने के लिए  तुमसे लेकिन कभी मिलो तो सही।

भले ही हम रोज बात करते हैं लेकिन कुछ बातें आंखों से बयां होती है वह सब बातें बताऊं तुम्हें लेकिन एक बार मिलो तो सही।

ऐसा लगता है एक अरसा बीत गया तुम्हें देखें तुम्हें गले लगाए एक अरसे को एक पल में समेट लूं कभी मिलो तो सही।

जिस पल अकेला होता हूं तुम्हें ही मैं समझ सकता हूं तुम साथ हो वाद हो अर्ध हो मेरे लेकिन फिर भी कुछ अधूरापन साथ है मेरे उस  अधूरेपन कभी पूरा तो करो कभी मिलो तो सही।


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