By Yashika Bansal
ना जाने माँ सब कैसे कर लेती है
ना जाने माँ सब कैसे कर लेती है
ना जाने माँ सब क्यू करती है
जब छोटी थी तब सोचती थी
ना जाने माँ सब कैसे कर लेती है
जब बीमार होती थी
तब कैसे माँ सारी रात जागकर मेरा ध्यान रखती थी
तब सोचती थी
ना जाने माँ सब कैसे कर लेती है
जब गिरने लगती थी
तब कैसे माँ सुपरवूमैन बनकर मुझे बचा लेती थी
तब सोचती थी
ना जाने माँ सब कैसे कर लेती है
कैसे माँ आँखों से ही दिल पढ़ लेती है
कैसे माँ को पता चल जाता है कि मैं खुश हूं या उदास चाहे दूर हूं या पास
ना जाने माँ सब कैसे कर लेती है
ना जाने माँ कैसे सब मैनेज कर लेती है
क्या वो थकती नहीं
जब सारे घर का काम करती है
जब सारा घर समभालती है
ना जाने माँ सब कैसे हैनडल करती है
ना जाने माँ कब आराम करती है
ना जाने माँ सब कैसे कर लेती है
अब जब खुद माँ बनी हूं
तब जाना है
एक माँ सब कैसे कर लेती है
जैसे तूने मुझे पाला है माँ
वैसे मैं भी अपने बच्चों की परवरिश कर सकूं
सारी नहीं पर कुछ तो तेरे जैसी बन सकूं
ये आशिर्वाद देना माँ
क्यूंकि माँ माँ होती है
माँ सब कर सकती है