By Aadarsh Kumar
मां के प्राण पिता का अभिमान है बेटियां
भाई की धड़कन परिवार की शान है बेटियां
कोयल की मधुर गान बाज़ की तेज़ उड़ान है बेटियां
अगर बेटे छत है माता पिता की ,
तो उनका खुला आसमान है बेटियां ।
जिनके रोम रोम में बसा परोपकार हो
हृदय मे जिनके प्यार बेशुमार हो
जो उपकार कर भी न मानती आभार हो
जो परिवार के जीने का आधार हो
जो घर को देती स्वर्ग सा आकार हो
जिनके मुख से निकली हर ध्वनि ओमकार हो
जिनका सृष्टि मे आगमन हुआ ही इस कारण
ताकि मानव जाति का उद्धार हो ।
माता पिता के हर ज़ख्म का उपचार है बेटियां
उनके जीवन मे आई बहार उनका अहंकार है बेटियां
जिनका होना चाहिए गुणगान
होती एसी महान है बेटियां
इस कलयुग का वरदान है बेटियां ।
धरा और अन्न भी वो
जल और धन भी वो
खूबसूरती की मूर्त वो
विनम्रता की सूरत वो
जो जल की शीतल धारा हो
जिनमें सूर्य का तेज़ सारा हो
ज्ञान का सागर वो ममता की चादर वो
जिनके रगों में व्यवहार और रूह मे शिष्टाचार है
इस कदर गुणवान है बेटियां
संस्कारों का संविधान है बेटियां ।
मीरा मां की भक्ति वो
मां दुर्गा की शक्ति वो
जीने की युक्ति वो
जीवन से मुक्ति वो
शांति वो क्रांति वो
न की गई ग़लती भी मानती वो
जिनके नैनों मे ज्वाला और नथुनों मे भाला हो
जिन्होंने माटी की मूर्त को बेटे जैसा पाला हो
जो उल्टे हाथ से शिव धनुष उठा लें
जो अपने पति को यमराज़ से बचा ले
जो लोहे की तलवार से गोरों से लोहा ले
जो जौहर कर के अपनी मर्यादा पर आंच न आने दें
होती इतनी बलवान है बेटियां
इन महादेवियों की संतान है बेटियां ।
प्रेम की भाषा वो
वीरता की परिभाषा वो
सीता वो राधा वो
सम्पूर्ण वो आधा वो
धरती वो आकाश वो
अंधेरे में दिखने वाला प्रकाश वो
मां काली का क्रोध भी वो
द्रौपदी का प्रतिशोध भी वो
ज्ञान की देवी वो धन की दाता वो
सांसों की जननी जिससे संसार की विधाता वो
आंखों का पानी वो बचपन की नादानी वो
उसके जाने से ग्लानि हो घर की निशानी वो
उत्साह की उमंग आनंद की तरंग
दुखों का निधान है बेटियां
जिस शौर्य और शब्दों से जीता है दुनिया को
उस शौर्य की पहचान उन शब्दों की ज़बान है बेटियां
इस संसार की पहचान है बेटियां
कलयुग का वरदान है बेटियां ।